सोमवार, 20 अक्तूबर 2014

जलाओ दिए

                   
जलाओ दिए पर रहे ध्यान  इतना ,किसी के भी घर में अँधेरा रह न पाये |
सभी के दिलो में रहे रौशनी घरो में सभी के बढ़े सदा ख़ुशी नई नई |
उजाला करो तुम जहाँ जिस तरफ ,उसी रौशनी में जिए जिंदगी |
बढ़ते रहो तुम डगर लौ की लेकर ,जो कराये तुम्हे जिंदगी का सुहाना सफर |
दिलों में सभी के पनपती रहे रौशनी ,उसी रौशनी में थिरकती रहे जिंदगी |
उजालों को पाकर सदा सँवरती रहे ,सबके मनो की इच्छा फलती रहे |
उजालों की रौशनी में बढ़ती रहे ,खुश नुमा जिंदगी यूँही गुरजती रहे |
मन की तरंगो को मिले रास्ता ,उजालों को पाकर तय करे फासला |
उजालों से भंडार भरते रहे ,अपनी अपनी इच्छाएँ भी पूरी करते रहे |
बदलेंगे हम सब मिलकर पुरानी धारणाये ,तभी पूर्ण होंगी सभी कामनायें |
दूर हो जाएँगी जीवन की सभी वर्जनाएं ,यही है हमारे दिलों की भावनायें |
सोची है हमने सबकी भलाई ,हमारे दिलों में सदा से रही है सच्चाई |
मत करो उजालों से तुम बेवफाई ,जीवन में ये ही हैं तुम्हारे सच्चे सहाई |
सदा अंधेरों के बाद ही होता है सबेरा ,तभी बस पाता   है जीवन का बसेरा |
कभी भी तुम अंधेरों से मत घबराओ ,जरा देर अंधेरो में भी अपने को रख पाओ |
तभी हो पायेगा तुम्हारा जीवन सार्थक ,यही पहुचायेगा तुम्हे तुम्हारी मंजिल तक |
अगर तुम अंधेरो से रहोगे दूर दूर ,तो जीवन में कैसे पा सकोगे उजालों का सरूर |
उजालों को पाकर कभी मदहोश न होना ,संभल कर ही रहना अपने होश न खोना |
वार्ना उजाले भी अँधरो में बदल जायेंगे ,दिलों की धड़कन भी साथ ले जायेंगे |
राहे कठिन जरूर है पर तुम मत घबराना ,उजालों के संग संग ही आगे ही आगे बढ़ते रहना |
तभी सवाँर पाओगे तुम अपने जीवन की आशा ,समझेंगे सब तुम्हारे मन की भाषा |
दूर कर पाओगे अपने मन की निराशाजला कर दिए पूर्ण होंगी तुम्हारी सारी अभिलाषा |
सवारों उजालों से अपनी जिंदगानी ,पतझर में भी लहलहाएगी तुम्हारी जिंदगानी |
उजालों के बिना नहीं आ पाती है जीवन में कभी बहार ,जिंदगी भर करते रहोगे ख़ुशी का इंतजार |
कवि कहता है जलाओ दिए तुम सदा जिंदगी में ,उजाला ही उजाला रहेगा सरजमी में |

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